जब भगवान राम और प्रभु शंकर में हुआ युद्ध
बात उन दिनों की है जब श्रीराम का अश्वमेघ यज्ञ चल रहा था। श्रीराम के अनुज शत्रुघ्न के नेतृत्व में असंख्य वीरों की सेना सारे प्रदेश को विजित करती जा रही थी। यज्ञ का अश्व प्रदेश-प्रदेश जा रहा था। इस क्रम...
View Articleअर्द्धनारीश्वर शिव का क्या है रहस्य, पढ़ें कथा
उनके तीव्र तप से प्रसन्न होकर भगवान उमा-महेश्वर ने उन्हें अर्द्धनारीश्वर रूप में दर्शन दिया। महेश्वर शिव ने कहा- ब्रह्मा! प्रजा की वृद्धि के लिए जो कठिन तप किया है, उससे मैं परम प्रसन्न हूं।
View Articleजब गंगा को जटा में बांध लिया भगवान शिव ने, पढ़ें कथा
भागीरथ एक प्रतापी राजा थे। उन्होंने अपने पूर्वजों को जीवन-मरण के दोष से मुक्त करने के लिए गंगा को पृथ्वी पर लाने की ठानी। उन्होंने कठोर तपस्या आरम्भ की। गंगा उनकी तपस्या से प्रसन्न हुईं तथा स्वर्ग से...
View Article5 मनोकामना, 5 शिव-पूजा, अवश्य पढ़ें
श्रावण में शिव-पूजन का विशेष महत्व है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अपनी मनोकामना के अनुसार भगवान भोलेनाथ की पूजा भी विशेष की जाती है। आइए जानते हैं किस कामना के लिए क्या चढ़ाएं भगवान शिव को...
View Articleयह 11 सामग्री अति प्रिय है भगवान शिव को
भगवान शिव तुरंत और तत्काल प्रसन्न होने वाले देवता हैं। इसीलिए उन्हें आशुतोष कहा जाता है। आइए जानते हैं भगवान शिव को प्रिय 11 ऐसी सामग्री जो सावन मास में अर्पित करने से भोलेनाथ हर कामना पूरी करते हैं।...
View Articleशिव उपासना के 10 पौराणिक राज, जानकर अचंभित रह जाएंगे
हम सभी जानते हैं भगवान शिव की उपासना में बिल्वपत्र का चढ़ावा बहुत ही शुभ और पुण्य देने वाला होता है। बिल्वपत्र का शिव को चढ़ावा जन्म-जन्मान्तर के पाप और दोषों का नाश करता है। किंतु शिवपुराण से साभार आज...
View Articleभगवान शंकर ने दिया है विष्णु को सुदर्शन चक्र
भगवान विष्णु के हर चित्र व मूर्ति में उन्हें सुदर्शन चक्र धारण किए दिखाया जाता है। यह सुदर्शन चक्र भगवान शंकर ने ही जगत कल्याण के लिए भगवान विष्णु को दिया था। इस संबंध में शिवमहापुराण के...
View Articleशिव महापुराण : परिचय और 8 पवित्र संहिताएं
शिव पुराण' में प्रमुख रूप से शिव-भक्ति और शिव-महिमा का विस्तार से वर्णन है। लगभग सभी पुराणों में शिव को त्याग, तपस्या, वात्सल्य तथा करुणा की मूर्ति बताया गया है। शिव सहज ही प्रसन्न हो जाने वाले एवं...
View Articleक्या कहती है शिव महापुराण की विद्येश्वर संहिता
विद्येश्वर संहिता : इस संहिता में शिवरात्रि व्रत, पंचकृत्य, ओंकार का महत्त्व, शिवलिंग की पूजा और दान के महत्त्व पर प्रकाश डाला गया है। शिव की भस्म और रुद्राक्ष का महत्व भी बताया गया है।
View Articleक्या कहती है शिव महापुराण की रुद्र संहिता
रुद्र संहिता में शिव का जीवन-चरित्र वर्णित है। इसमें नारद मोह की कथा, सती का दक्ष-यज्ञ में देह त्याग, पार्वती विवाह, मदन दहन, कार्तिकेय और गणेश पुत्रों का जन्म, पृथ्वी परिक्रमा की कथा, शंखचूड़ से युद्ध...
View Articleक्या कहती है शिव महापुराण की शतरुद्र संहिता
इस संहिता में शिव के अन्य चरित्रों-हनुमान, श्वेत मुख और ऋषभदेव का वर्णन है। उन्हें शिव का अवतार कहा गया है। शिव की आठ मूर्तियां भी बताई गई हैं। इन आठ मूर्तियों से भूमि, जल, अग्नि, पवन, अन्तरिक्ष,...
View Articleक्या कहती है शिव महापुराण की कोटिरुद्र संहिता
कोटिरुद्र संहिता में शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों का वर्णन है। ये ज्योतिर्लिंग सौराष्ट्र में सोमनाथ, श्रीशैल में मल्लिकार्जुन, उज्जयिनी में महाकालेश्वर, ओंकारेेश्वर में ममलेश्वर,हिमालय में केदारनाथ,...
View Articleक्या कहती है शिव महापुराण की उमा संहिता
पार्वती भगवान शिव के आधे भाग से प्रकट हुई हैं और भगवान शिव का आंशिक स्वरूप हैं, इसीलिए इस संहिता में उमा महिमा का वर्णन कर अप्रत्यक्ष रूप से भगवान शिव के ही अर्द्धनारीश्वर स्वरूप का माहात्म्य प्रस्तुत...
View Articleक्या कहती है शिव महापुराण की कैलाश संहिता
कैलाश संहिता में ओंकार के महत्व का वर्णन है। इसके अलावा योग का विस्तार से उल्लेख है। इसमें विधिपूर्वक शिवोपासना, नान्दी श्राद्ध और ब्रह्मयज्ञादि की विवेचना भी की गई है। गायत्री जप का महत्त्व तथा वेदों...
View Articleक्या कहती है शिव महापुराण की वायु संहिता (पूर्व और उत्तर भाग)
इस संहिता के दो भाग हैं। पूर्व और उत्तर। इन दोनों भागों में पाशुपत विज्ञान, मोक्ष के लिए शिव ज्ञान की प्रधानता, हवन, योग और शिव-ध्यान का महत्व समझाया गया है। शिव ही चराचर जगत् के एकमात्र देवता हैं।
View Articleश्रावण मास सोमवार : कैसे करें पूजन, 3 सरल तरीके
श्रावण मास सोमवार में सवेरे शिवालय में तांबे के कलश में गंगाजल, अक्षत, सफेद चंदन मिलाकर शिवलिंग पर 'ॐ नम: शिवाय' यह मंत्र बोलते हुए अर्पित करें।
View Articleशिव केे यह 8 अभिषेक करते हैं कामना पूरी, जरूर पढ़ें
- जल की धारा भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है, अत: शुद्ध जल से भगवान शिव का अभिषेक करने पर भरपूर जलवृष्टि होती है। जल से अभिषेक करने से तेज ज्वर से भी शांत हो जाता है।
View Articleशिव पूजन के 7 सरल उपाय, श्रावण में अवश्य आजमाएं....
श्रावण मास में भगवान शिव को जलधारा चढ़ाने से मनुष्य का कल्याण तो होता ही है, साथ ही वह समस्त संसार के कल्याण के लिए भी महाऔषधि तैयार कर लेता है। पांच तत्व में जल तत्व बहुत महत्वपूर्ण है। पुराणों में...
View Articleॐ नमः शिवाय या ॐ शिवाय नमः
शिव महापुराण कथा के अनुसार मनुष्य को पूजा पूरे मन व प्रेम से करना चाहिए। पूजा के लिए जरूरी नहीं है कि आप बहुत समय व अधिक से अधिक सामग्री चढ़ाएं।
View Articleजानिए श्रावण सोमवार के व्रत का क्या मिलता है फल...
सोमवार को शिव उपासना की कृपा प्राप्ति का द्वार माना गया है। विशेषकर श्रावण मास के चार सोमवार का विशेष महत्व रहता है। हालांकि वर्ष में प्रत्येक महीने शिव उपासना किसी न किसी रूप में चलती ही रहती है लेकिन...
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