कोई भी साधक सावन/श्रावण में भगवान शिव का ध्यान करते हुए रामचरित मानस से लिए गए इस लयात्मक स्तोत्र का श्रद्धापूर्वक पाठ करें, तो वह शिवजी का कृपापात्र हो जाता है। यह स्तोत्र बहुत थोड़े समय में कण्ठस्थ हो जाता है। यह रुद्राष्टक त्वरित फलदायी है।
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